Thursday, January 28, 2010


२६ जनवरी गुजर गयी हाथों में , घरों कि दीवारों पर , कार , स्कूटर , साईकल , रिक्शा पर लगा तिरंगा उतर गया मगर जज्बा वहीँ कायम है अभी हम देश के नाम पर अपने युवाओं का आह्वान करें तो सभी की देश प्रेम की भावना जाग्रत हो उठेगी
धन्य ..भारत के नौजवानों ...
अब ६ महीने बाद १५ अगस्त आएगी फिर ठेलों पर तिरंगे झंडे , टोपियाँ आदि मिलने लगेंगे फिर से जैसे सारा शहर हरे और केसरी रंग में खिल उठेगा हर तरफ कि रोनक देखते ही बन उठेगी पर ....
पर उसके अगले ही दिन वो सारे तिरंगे सड़कों कि शोभा बढ़ाते हुए मिल जायेंगे जो कल तक अपने रंगों कि चमक से शहर को चमका रहे थे , अब धूल में लिपटे अपनी किस्मत को रोते मिलेंगे..... कल तक जो दिल से लगाये जा रहे थे , अब पैरों से कुचलते मिलेंगे ...
हमारे संविधान ने देश के हर नागरिक को झंडा फहराने की अनुमति तो दे दी ... पर उसके सम्मान में कुछ क़ानून भी बनाये हैं
पहली बात तो ये कि जो नागरिक इस तिरंगे को खरीदता है उसे इससे सम्बंधित सारे नियमों की जानकारी भी होनी चाहिए
इस काम में मीडिया आम आदमी का सबसे बड़ा मददगार साबित होगा
दूसरी बात ... झंडा रोहण के बाद यदि उसे नष्ट करना पड़े तो उससे सम्बंधित ज्ञान भी उपलब्ध कराया जाए ताकि फिर किसी तिरंगे का दिल किसी के क़दमों से न कुचला जाए .....और हम गर्व से कह सकें ...

सदा शक्ति बरसाने वाला , प्रेम सुधा सरसाने वाला
वीरों को हरषाने वाला , मात्र भूमि का तन मन सारा
विजयी विश्व तिरंगा प्यारा , झंडा ऊँचा रहे हमारा ...

Tuesday, January 5, 2010

व्हाट इस योर न्यू ईअर रेसोलुशन


ऐ लो जी ...फेर नवा साल आया ऐ ...त्वानू सारयानु बधाइयाँ होण जी ...गिफ्ट लओ , गिफ्ट देओ...मेसेज लओ , मेसज देओ ...पार्टियाँ देओ ते पार्टियाँ लओ ...गुब्बारे फोड़ो ते केक कट्टो...नचने गाण दा फ्लोर तोड़ो ...
अरे अरे ...तुसी एवे हीं बुरा मान गए ...
तुसी नाचे सी , फ्लोर नि तोड्या सी ...
माफ़ी जी माफ़ी ...मेरे क्यान दा मतलब नवे साल दा जोश दे नाल स्वागत करन दे नाल हया ...
नवे नवे सालां दे सवालां दे उत्तर दें वास्ते तैयार हो जाओ जोश दे नाल ...नवे साल दे नवे सवाल ...हुन सवाल वड्डे होणगे या निक्के ऐ ते पता नई.......
कि कया...? हुन क्यों नई पता ...?
ब्रावा .. मै ते पंडित ते है नई मै त्वानू कि दासां सवाल निक्के होणगे कि बड्डे ...
दिन ते महीने ते साल एवे ही निकल दे जानगे....साल दी कि ऐ एते ही निकल जांगा ....वडिया वडिया गलां करने दा इक होर नवा साल आ गे ऐ .... गल्लां ते वडिया वडिया करो नि ...क्यूँ जी हैं जी ...
वड्डे वड्डे लोगन दियां वडिया गल्लां ...तुसी निकिया निकिया गल्लां कर रहे हो ...जैसे मै इस साल डाईटिंग करंगा , मै इस साल थाली तियों मिठाई कडके अलग कर देयंगा ...या जैसे कि असी मियां बीवी झगडा नहीं करांगें...या हर मंगल ते हर शुकर मै व्रत रखंगी ....ऐ निक्के निक्के काम ते होंदे ही रहेंगे ...कुछ वड्डी वड्डी गलां करो तां कुछ गल बणे....
ता ...कि वादा कित्ता तुस्सी ....?
किन्ने नाल ...?
किसी दे नाल विच ...
सारी दुनिया विच कोई ते होगा ....
नि ते अपने आप नाल ते कित्ता ही होगा .... जैसे "गल्लां घट ते काम ज्यादा" ..ऐ मेरा वादा ....
चलो हुन तुस्सी दस्सो ...ऐ त्वाडी बारी ....