पूरी कालोनी में ताईजी उपनाम से विख्यात सरोज आंटी को मै भी ताईजी ही कहती हूँ ....बुजुर्ग होने के नाते ही नही वरन एक समझदार महिला होने के नाते मै उनका ह्रदय से आदर करती हूँ........
उस दिन पार्टी ख़त्म होने के बाद हम सब ताईजी के साथ बैठे थे ..........कन्या भ्रूण हत्या , बेटे और बेटी में भेदभाव् जैसी सामाजिक समस्याओं का जिक्र चल रहा था .........ताईजी की पुत्रवधू कहने लगी ....मम्मी को तो लड़कियों से बहुत नफरत है .........वो तो कहती हैं की लड़कियों को पैदा ही नही होना चाहिए ............या मार दिए जाने की ख़बर पढ़ती हैं तो कहती हैं अच्छा हुआ ..........मै हैरान थी ये सब बातें सुनकर ..... उसकी बातें मै हजम नही कर पा रही थी ..........क्योंकि ताईजी को मै अपना आदर्श मानती हूँ ...........पर आज तो उनका एक नया ही रूप मेरे सामने था .........क्या बोलूं .....? कुछ समझ ही नही आ रहा था ..........पर यूँही खामोश तो नही बैठ सकती .........सभी चुप थे ........बुजुर्ग हैं .........क्या बोलें .........समझाने का भी कोई फायदा नही ...........आख़िर मैंने चुप्पी तोडी .........ताईजी ....! कम से कम मै तो आप से ऐसी अपेक्षा नही करती .........मैंने तो कभी सोचा भी नही था आप जैसी समझदार महिला भी लड़कियों के ख़िलाफ़ हो सकती है .......मानती हूँ अभी भी दुनिया में लड़कियों के साथ दुर्वयवहार किया जाता है .........पर आप तो ऐसा न सोचें .........कौन से काम हैं आज ..जो बेटियाँ नही कर सकतीं ........मैंने अल्पविराम लिया ही था .....ताईजी ने जो बोला ....उसे सुनकर मै तो क्या सभी की बोलती बंद हो गई ........और उन्होंने मुझे भी अपनी सोच पर दुबारा सोचने पर मजबूर कर दिया .......उन्होंने कहा ....इतनी सब तरक्की करने के बाद भी लडकियां कहाँ हैं .......क्या उन्हें समाज में वो अधिकार प्राप्त हैं जो लड़कों को ......घर हो या बाहर ...नम्बर एक तो लड़का ही रहता है .......और लडकियां नम्बर दो ........मै इसीलिए लड़कियों के जन्म पर रोती हूँ ........सचमुच ये बात कहते कहते उनकी आँख से आंसू बहने लगे थे ......
अब आप ही बताइए आप लड़कियों को किस पायदान पर रखते हैं ..........नुम्बर एक या ..........
3 comments:
Always Girls are First...
kabhi socho ye naam
SITA - RAM
RADHEY - SHYAM
CHAND - SURAJ
AISE BAHUT SARE NAAM HAIN YADI AAP DHYAN DEIN... SHAYAD AAP BHI APNA NAAM PAHELE LAGATE HONGE...
ITS NOT A GAME OF NUMBERS...
wah ri duniya ...naam ka khel ...bas fir bahala diya na ....hamesha ki tarha ....
जो भी संस्कारी होगा, पराक्रमी होगा, समझदार होगा... वो आदरणीय होगा...फिर वो चाहे महिला हो या पुरुष...
यह महिलायें ही हैं जो महिलयों का तिरस्कार करती हैं और उन्हे कमजोर समझती है, जैसे आपकी ताइजी...और महिलायें ही हैं जो आँसू बहाने लगती हैं !
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