pukhraaj
एक सबब मरने का , एक तलब जीने की , चाँद पुखराज का , रात पश्मीने की ...
Monday, March 16, 2009
armaan
जब भी खवाबों से जागो तो सवेरा मिले
जब भी हो चाहत कुछ पाने की वो हमेशा मिलें
खुशी वही होगी जो आँखों में दिखेगी
उसे खुशी मत समझो जब लब हिलें
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