कल पढ़ा
स्त्री की अग्नि परीक्षा
ली समाज के ठेकेदारों ने
जो तय की गई थीं
वर्जनाएं स्त्री के लिए
उनका उल्लंघन करने की जुर्रत
वो भी एक स्त्री होकर
उफ़....
राम राम राम ....
हाये अबला
ये तूने क्या कर डाला
परिणाम तो अब भुगतना पड़ेगा
अग्नि परीक्षा तो सीता ने भी दी थी
तू किस खेत की मूली है .....
सोचती हूँ
निर्णय पूर्णतय न्यायसंगत था
सौ कोडे और लगाने थे ,
थोड़े अंगारे और बरसाने थे
शूलों पर चलवाना था
इन चरित्रहीन स्त्रियों को
ऐसे ही छोड़ दिया तो
कल इतिहास क्या कहेगा
आने वाली पीडी को
क्या संदेश पहुंचेगा
इसीलिए फिर कहती हूँ
अग्नि परीक्षा उचित थी
मर्यादा पुरुषोत्तम राम के कहने पर
वैदेही ने भी
अग्नि में प्रवेश किया था
अपनी पवित्रता का प्रमाण
जग को दिया था
पर .....
आज की सीताओं की
परीक्षा लेने वालों
अग्नि प्रज्वलित करने से पहले
अपने चोले में झांको
अपने अपने मुखौटे उतारो
और पहले
मर्यादा पुरुषोत्तम राम तो बनो .....
Thursday, March 19, 2009
कलयुग के राम
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2 comments:
well said....pehle 'ram' to bano...phir kisiki agni pareeksha lo....and another aspect is that these persons also become legislators by entering parliament and then 'rule' us...
Dear
Its really very nice & heart touching.
Carry on we are always with u.
best of luck
god bless u
Sanjay Sharma (Amar Ujala)
ssanjaysharma7@rediffmail.com
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