आज अखबार पर धूप का साया था
मगर गुड न्यूज़ भी लाया था
मानसून आने वाला है सून
पानी मिला है ऑन दा मून
दोनों खबर पढ़कर
दिल गार्डन गार्डन हो गया
किसी को हो न हो
चम्पू जी को सप्नेरिया हो गया
कल बादल छाएंगे
दुःख नहीं पानी बरसाएंगे
जब बाल्टी खाली होगी बादल की
चाँद पर जाकर नहायेंगे
चाँद के आँगन के तालाब में
कैसा नशीला पानी होगा
चाँद का गिलास होगा और
गिलास में चाँद दीखता होगा
सोच सोच कर चम्पू जी का मन
इधर उधर दोड़ने लगा
हाथ में पकड़ा था बादल
बूँद बूँद कर बरसने लगा
26 comments:
कल्पना और हास्य का सुंदर मेल है इस कविता में ।
sundar haasy kavita badhaai
वाह!
एक रचनाकार की कल्पनाओं का संसार दिखाती आपकी ये रचना....शानदार!
कुंवर जी,
हमसे पूछिए हमने कैसे टेबुल के पीछे बैठकर दिल को समझाया होगा ....कम्बखत रोज़गार की खातिर ......कविता चकाचक है
चाँद पर जाकर नहायेंगे
चाँद के आँगन के तालाब में
कैसा नशीला पानी होगा
.......
hum bhi nashile ho jayenge is nazm mein nahaker
बहुत ही नशीली लगी आप की यह कविता, लेकिन चांद पर जायेगे केसे?ओर कोन कोन जायेगा? जगह हो तो हम भी अपनी अटेची तेयार करे?
abhi last month tou pappu pass hua tha ab yeh champu khush ho gaya... waise champu bhi acha baccha hai...
nice peom... good creativity
आह पानी अब गिर भी जाओ
हास्य रचना का सृजन एक कठिन कार्य होता है...
आप इसमें सफ़ल हैं...बधाई.
सुन्दर स्रजन है!
bahut hi achhi rachna.....
एक गुड न्यूज पर कल्पना का सागर क्या बात है पुखराज जी...
achchi lagi mujhe.
good n वाह!
कल बादल छाएंगे
दुःख नहीं पानी बरसाएंगे
वाह! वाह! वाह!
टूट के बरसे इस बार पानी!
बह जाएँ उसमे सभी यादें पुरानी!
कुछ ऐसा रंग बदले मेरे मन का मौसम,
लिख ही डालूँ कोई नयी कहानी!!!
कम सून, मोन्सून!
प्रशंसनीय ।
हास्य के साथ ... मौसम का भी आनंद ..... सुंदर रचना ....
बहुत अच्छा लगता है बारिश के बारे में सोचना।
काश, इधर भी हुई होती।
................
पॉल बाबा का रहस्य।
आपकी प्रोफाइल कमेंट खा रही है?.
पुखराज जी
पढ़कर दिल गार्डन गार्डन हो गया !
सुंदर रचना ....
चांद पर रहेंगे तो बच्चे धरती मांगेंगे ।
आनंद देती कविता
बहुत खूबसूरत कल्पना और उसमें हास्य की झलक ..बहुत बढ़िया लगी ...
मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया
Bahut Sundar....
nice
HAPPY NEW YEAR 2011
WISH YOU & YOUR FAMILY,
ENJOY,
PEACE & PROSPEROUS
EVERY MOMENT SUCCESSFUL
IN YOUR LIFE.
hum sab champu ji ho jaate hain baarish ke intejaar me, badhiya kavita!
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