Thursday, June 24, 2010

ITS RAINING .....बारिश हो रही है ...


आज अखबार पर धूप का साया था

मगर गुड न्यूज़ भी लाया था
मानसून आने वाला है सून

पानी मिला है ऑन दा मून

दोनों खबर पढ़कर

दिल गार्डन गार्डन हो गया

किसी को हो न हो

चम्पू जी को सप्नेरिया हो गया

कल बादल छाएंगे

दुःख नहीं पानी बरसाएंगे

जब बाल्टी खाली होगी बादल की

चाँद पर जाकर नहायेंगे

चाँद के आँगन के तालाब में

कैसा नशीला पानी होगा

चाँद का गिलास होगा और

गिलास में चाँद दीखता होगा
सोच सोच कर चम्पू जी का मन

इधर उधर दोड़ने लगा

हाथ में पकड़ा था बादल

बूँद बूँद कर बरसने लगा

26 comments:

मनोज भारती said...

कल्पना और हास्य का सुंदर मेल है इस कविता में ।

निर्मला कपिला said...

sundar haasy kavita badhaai

kunwarji's said...

वाह!

एक रचनाकार की कल्पनाओं का संसार दिखाती आपकी ये रचना....शानदार!

कुंवर जी,

डॉ .अनुराग said...

हमसे पूछिए हमने कैसे टेबुल के पीछे बैठकर दिल को समझाया होगा ....कम्बखत रोज़गार की खातिर ......कविता चकाचक है

रश्मि प्रभा... said...

चाँद पर जाकर नहायेंगे

चाँद के आँगन के तालाब में

कैसा नशीला पानी होगा
.......
hum bhi nashile ho jayenge is nazm mein nahaker

राज भाटिय़ा said...

बहुत ही नशीली लगी आप की यह कविता, लेकिन चांद पर जायेगे केसे?ओर कोन कोन जायेगा? जगह हो तो हम भी अपनी अटेची तेयार करे?

Harish Joshi said...

abhi last month tou pappu pass hua tha ab yeh champu khush ho gaya... waise champu bhi acha baccha hai...
nice peom... good creativity

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

आह पानी अब गिर भी जाओ

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' said...

हास्य रचना का सृजन एक कठिन कार्य होता है...
आप इसमें सफ़ल हैं...बधाई.

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

सुन्दर स्रजन है!

Anonymous said...

bahut hi achhi rachna.....

Rohit Singh said...

एक गुड न्यूज पर कल्पना का सागर क्या बात है पुखराज जी...

mridula pradhan said...

achchi lagi mujhe.

विधुल्लता said...

good n वाह!

कल बादल छाएंगे
दुःख नहीं पानी बरसाएंगे

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

वाह! वाह! वाह!
टूट के बरसे इस बार पानी!
बह जाएँ उसमे सभी यादें पुरानी!
कुछ ऐसा रंग बदले मेरे मन का मौसम,
लिख ही डालूँ कोई नयी कहानी!!!
कम सून, मोन्सून!

अरुणेश मिश्र said...

प्रशंसनीय ।

दिगम्बर नासवा said...

हास्य के साथ ... मौसम का भी आनंद ..... सुंदर रचना ....

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

बहुत अच्छा लगता है बारिश के बारे में सोचना।
काश, इधर भी हुई होती।
................
पॉल बाबा का रहस्य।
आपकी प्रोफाइल कमेंट खा रही है?.

संदीप said...

पुखराज जी
पढ़कर दिल गार्डन गार्डन हो गया !
सुंदर रचना ....

अजय कुमार said...

चांद पर रहेंगे तो बच्चे धरती मांगेंगे ।

अनिल कान्त said...

आनंद देती कविता

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

बहुत खूबसूरत कल्पना और उसमें हास्य की झलक ..बहुत बढ़िया लगी ...

मेरे ब्लॉग पर आने का शुक्रिया

rajesh singh kshatri said...

Bahut Sundar....

RockStar said...

nice

rajesh singh kshatri said...

HAPPY NEW YEAR 2011
WISH YOU & YOUR FAMILY,
ENJOY,
PEACE & PROSPEROUS
EVERY MOMENT SUCCESSFUL
IN YOUR LIFE.

Anonymous said...

hum sab champu ji ho jaate hain baarish ke intejaar me, badhiya kavita!