Friday, January 13, 2017

ट्रे में रखे कॉफी के कप से उठता धुंआ आज फिर किसी का अरमान जला हो जैसे ....


ख्यालों में डूबी रहीं सिसकियाँ ...बादल को भी ग्रहण लगा हो जैसे