गर पूछे कोई के दर्द क्या है, तो कहना के
ये जो तेरा मेरा रिश्ता है .....
गर पूछे कोई के ख्वाब क्या है , तो कहना
एक मुट्ठी जिन्दगी पाना है ....
गर पूछे कोई के हाल क्या है , तो कहना
हज़ार टुकड़े आईने में मेरा चेहरा है ....
गर पूछे कोई के मुलाक़ात क्या है , तो कहना
खुद को ढूँढ लूँ .....
गर पूछे कोई के बरसात क्या है , तो कहना
ये जो तेरा गम का दरिया है .....
गर पूछे कोई के आशना क्या है , तो कहना
दिल अभी ढूँढता है ....
गर पूछे कोई के नींद क्या है , तो कहना
दीवारोंसे बाते करता है .....
गर पूछे कोई के मै कहाँ हूँ , तो कहना
पलकें झुकाओ तो ज़रा .....
गर पूछे कोई के पाना क्या है , तो कहना
खुद को खोना ही है पाना ....
गर पूछे कोई के दोस्ती क्या है , तो कहना
आसमान भी रंग बदलता है ....
गर पूछे कोई के सांस क्या है , तो कहना
लब पे आया जो तेरा नाम ......
गर पूछे कोई के पैगाम क्या है , तो कहना
ढाई आखर कबीरा कह गए ......
24 comments:
मन को छू जाने वाले भाव।
हार्दिक बधाई।
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर गयी.
शानदार!
bahut sundar
bahut hi khubsurat rachna...
mann ko chhu gayi aapki rachna....
बहुत बढिया रचना!!
गर पूछे कोई के मुलाक़ात क्या है , तो कहना
खुद को ढूँढ लूँ .....
गर पूछे कोई के दर्द क्या है, तो कहना के
ये जो तेरा मेरा रिश्ता है .....
गर पूछे कोई के ख्वाब क्या है , तो कहना
एक मुट्ठी जिन्दगी पाना है ....
गर पूछे कोई के हाल क्या है , तो कहना
हज़ार टुकड़े आईने में मेरा चेहरा है ....
गर पूछे कोई के पैगाम क्या है , तो कहना
ढाई आखर कबीरा कह गए ......
Bahut Sahajtapurvak manobhavon ko behatar dhang se prastut karne ke liya haardik shubhkamnayne.
gr8 gr8 gr8 gr8 gr8 gr8 gr8 gr8 gr8
प्रभावशाली कविता...दिल को छू गई.
बहुत सुंदर जी
गर पूछे कोई के पाना क्या है , तो कहना
खुद को खोना ही है पाना ....
बेमिसाल
इसे कहते है लिखना। मेरे पास शब्द नहीं है.. जो कुछ है वह कुछ इस तरह है-सुपब, शानदार, जानदार। यह कविता देश की किसी भी बड़ी साहित्यिक पत्रिका में न केवल सम्मान से साथ छापी जाएगी बल्कि जब कभी भी भावनाओं की बात चलेगी तो लोग इसे कोड़ भी करेंगे।
शानदार प्रस्तुति
गर पूछे कोई के पाना क्या है , तो कहना
खुद को खोना ही है पाना ....
अक्सर एक उम्र के बाद ..तलाश की रपट लिखानी पड़ती है
पहली बार आके ब्लाग पर आने का सुवसर प्राप्त हुआ..पर बहुत ही अच्छा लगा..शानदा कविता..
सुंदर कविता ...आत्म-मंथन करते जज्जबात !
गर पूछे कोई.....
तो भई, जहाँ तक रचना का सवाल है.... उत्कृष्ट, उम्दा, अचूक!!!
मेरठ से हैं आप! मैं भी!
लगा कोई कविता पढी ।
वाह! कमाल का कलाम!
गर पूछे कोई के ख्वाब क्या है , तो कहना
एक मुट्ठी जिन्दगी पाना है ....
एक मुठी ज़िन्दगी .....जिसकी तलाश ताउम्र बनी रहती है ......!!
संजय भास्कर said...
ऐसी कवितायें रोज रोज पढने को नहीं मिलती...इतनी भावपूर्ण कवितायें लिखने के लिए आप को बधाई...शब्द शब्द दिल में उतर gayi...chori kee badhaayi de rahaa hun....swikaaren.......
वाह ... कमाल का लिखा है ... लाजवाब ...
एक एक शब्द भावों से भरा है. बहुत अच्छा लगा पढ़ कर. Now following your blog for not missing good poetry.
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